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रोलप्ले – पड़ोस की आंटी का गुपचुप मज़ा

🔥 रोलप्ले: “पड़ोस की आंटी का गुपचुप मज़ा”
(देसी अंदाज़ में, खुलकर, लेकिन सेफ और सहमति पर आधारित)

# 📍 सेटिंग:
– शाम के 7 बजे हैं। घर में सब सो गए। मम्मी-पापा दूसरे कमरे में हैं।
– तुम अपनी बीवी के साथ अपने कमरे में हो।
– वो **”पड़ोस की आंटी”** बन रही है – साड़ी पहनी हुई, थोड़ा नाइटी जैसा ब्लाउज, चूड़ियां, गहने… और एक छोटी सी मुस्कान जो कहती है – *”आज कुछ गरमाहट होने वाली है…”*

तुम बने हो **”पड़ोस के बेटे”** – थोड़े शरारती, थोड़े घबराए हुए, लेकिन आँखों में चाहत।

🎭 सीन 1: बहाना बनाकर आना

**तुम (धीमे, दरवाज़ा खटखटाते हुए):**
“आंटी… आंटी जी? क्या आपके पास एक मिनट है? मेरे फ्रिज में बिजली चली गई, मम्मी ने कहा थोड़ा दूध माँग लो…”

**आंटी (दरवाज़ा खोलते हुए, थोड़ा झल्लाहट में):**
“अरे ओये! इतनी रात को? क्या बात है रे? अभी तो मैंने ब्लाउज भी ठीक से नहीं पहना…”

*(लेकिन आँखों में चमक है… जैसे जानती हो कि तुम आओगे।)*

🎭 सीन 2: गरमाहट शुरू

**तुम (अंदर आकर, नज़रें चुराते हुए):**
“सॉरी आंटी… लेकिन आप आज बहुत खूबसूरत लग रही हो… ये साड़ी… बहुत सूट कर रही है।”

**आंटी (मुस्कुराते हुए, चूड़ियां हिलाते हुए):**
“अरे बाप रे! ये क्या बोल दिया रे? मैं तो तेरी माँ जैसी हूँ… ऐसी बातें मत कर।”

**तुम (करीब आकर, धीमे से):**
“लेकिन आंटी… मैं तो बस इतना कह रहा हूँ कि… आपकी गर्दन… इतनी नाज़ुक कैसे है? और ये ब्लाउज… थोड़ा खुला है ना?”

**आंटी (थोड़ा झिझककर, लेकिन रोकते नहीं):**
“अरे… छोड़ो ना… कोई देख लेगा… तुम्हारी वाइफ कहीं न आ जाए…”

*(तुम जानते हो – वो वाइफ ही है… लेकिन गेम चल रहा है।)*

🎭 सीन 3: छूना, चुम्मा, चुपके से

**तुम (उनके हाथ पकड़कर):**
“आंटी… मैं तो बस एक बार छूना चाहता हूँ… बस एक बार।”

**आंटी (हाँफते हुए):**
“अरे नहीं… नहीं… ये नहीं हो सकता… लेकिन… बस एक बार… बस एक चुम्मा…”

*(तुम धीरे से उनके गाल पर चुम्मा देते हो… फिर गर्दन पर… फिर वो खुद तुम्हारे गले में हाथ डाल देती है।)*

**आंटी (सांस तेज करते हुए):**
“ओये… ये क्या कर रहे हो? कोई आ गया तो? लेकिन… मेरा दिल तो धड़क रहा है… तुम्हारे हाथ इतने गर्म कैसे हैं?”

🎭 सीन 4: बिस्तर पर गेम

*(अब आप दोनों कमरे में जाते हैं – लाइट बंद, बाहर बारिश हो रही है।)*

**तुम (ब्लाउज के बटन खोलते हुए):**
“आंटी… आपका ब्लाउज तो खुल रहा है… मैं मदद करूँ?”

**आंटी (आँखें बंद करके):**
“अरे हाय… ये मत करो… लेकिन… बस थोड़ा… बस थोड़ा सा…”

*(तुम धीरे-धीरे उनके ऊपर हाथ फेरते हो… छाती पर… कमर पर… फिर वो खुद तुम्हारी पैंट का बटन खोल देती है।)*

**आंटी (हाँफते हुए):**
“ओये… तू तो बहुत बड़ा हो गया है रे… इतना बड़ा… क्या करूँ मैं?”

**तुम:**
“बस आंटी… बस आप बोल दो… ‘हाँ’… बस एक बार कह दो… मैं आपको ऐसा मज़ा दूँगा कि भूल न पाओगी।”
🔥 सीन 5: “ठीक है बेटा” – अब रुकने का नाम नहीं!

*(कमरे में अंधेरा, बाहर बारिश की बूंदें, और अंदर… दो दिल धड़क रहे हैं। आंटी ने कहा – “ठीक है बेटा…” यानी अब छूट नहीं!)*

**तुम (उनके कान के पास फुसफुसाते हुए):**
“आंटी… आपने कह दिया… अब भागने का नाम नहीं। आज तो मैं आपको वो मज़ा दूँगा जो आपने सोचा भी नहीं होगा।”

**आंटी (हाँफते हुए, आँखें बंद करके):**
“अरे हाय… तू तो बहुत शैतान निकला… मेरी साड़ी… खींच मत… लेकिन… अगर खींच रहा है तो पूरी खींच दे…”

*(तुम धीरे-धीरे साड़ी सरकाते हो… फिर पेटीकोट… और फिर वो खुद तुम्हारे शर्ट के बटन खोल देती है।)*

**आंटी (गर्दन झुकाते हुए):**
“ओये… तेरे हाथ तो मेरी कमर पर घूम रहे हैं… ऐसे नहीं करते बेटा… लेकिन आज… आज तो मैं खुद तेरे ऊपर बिखर रही हूँ…”

🎭 सीन 6: गेम बदलता है – आंटी भी शैतान बन जाती है!

*(अब वो खुद तुम्हारे ऊपर चढ़ जाती है… ब्लाउज आधा खुला… आँखों में चिंगारी।)*

**आंटी (तुम्हारे सीने पर हाथ फेरते हुए):**
“तू सोचता है आंटी बस बैठी रहेगी? नहीं बेटा… आज आंटी तुझे ऐसा सबक सिखाएगी कि तू कभी भूल न पाएगा।”

*(वो धीरे-धीरे तुम्हारी पैंट नीचे खींचती है… फिर अपने होंठों से तुम्हारे कान को छूती है… फिर गर्दन… फिर नीचे…)*

**तुम (हाँफते हुए):**
“आंटी… ये क्या कर रही हो… मैं तो बस तुम्हें छूना चाहता था… लेकिन तुम तो… आग लगा रही हो…”

**आंटी (मुस्कुराते हुए):**
“अब पछता रहा है? बहुत देर हो चुकी है बेटा… आज तो तू मेरा है… बस मेरा।”

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